जैविक कृषि क्या है और इसे कैसे शुरू करें?
जैविक कृषि क्या होती है?
जैविक कृषि (Organic Farming) एक ऐसी खेती की विधि है जिसमें रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और कृत्रिम घटकों का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बजाय, प्राकृतिक खाद, कंपोस्ट, जीवामृत और गोमूत्र जैसी पारंपरिक विधियों से खेती की जाती है। इसका उद्देश्य जमीन की उत्पादकता बनाए रखते हुए पर्यावरण संतुलन को बरकरार रखना है।
जैविक खेती के मुख्य लाभ
- रासायनों से मुक्त और सुरक्षित फसल उत्पादन
- मिट्टी की उर्वराशक्ति और स्वास्थ्य में सुधार
- कम लागत में खेती संभव
- फसलों की गुणवत्ता और बाजार में मांग अधिक
- पर्यावरण और जलीय जीवन की रक्षा
जैविक खेती कैसे शुरू करें?
जैविक खेती शुरू करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण चरणों का पालन करना जरूरी है:
1. भूमि का चयन और तैयारी
- ऐसी भूमि चुनें जहां पहले अधिक मात्रा में रसायनों का उपयोग न हुआ हो
- मिट्टी की जांच कराएं और कम्पोस्ट, गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट डालें
2. प्राकृतिक खाद और कीट नियंत्रण
- घर पर बनी जीवामृत, घनजीवामृत, पंचगव्य का प्रयोग करें
- नीम खली, गोमूत्र इत्यादि का उपयोग कीटनाशकों के विकल्प के रूप में करें
3. बीज का चयन
- स्थानीय और जैविक बीजों का प्रयोग करें
- बीज उपचार के लिए हल्दी, त्रिकोणीय जीवांश का सहारा लें
4. फसल चक्र और मिश्रित खेती अपनाएं
- हर सीजन फसल बदलें ताकि मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहे
- मिश्रित या साथ-साथ खेती से कीटों पर नियंत्रण और आय में बढ़ोतरी
5. प्रमाणन और विपणन
- जैविक खेती प्रमाणन के लिए PGS-India या NPOP से संपर्क करें
- जैविक उत्पादों के लिए अलग बाजार ढूँढें या किसान मंडियों में विक्रय करें
भारत में जैविक खेती के लिए सरकारी सहायता
भारत सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं चला रही है, जैसे:
- परमपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
- राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NPOF)
- उर्वरक सब्सिडी और प्रशिक्षण सुविधाएं
निष्कर्ष
जैविक खेती ना केवल किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक है, बल्कि यह पर्यावरण की रक्षा और स्वस्थ समाज निर्माण में भी सहायक है।
अब आप क्या करें?
अगर आप भी जैविक खेती शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही अपने नजदीकी कृषि केंद्र से संपर्क करें, प्रशिक्षित किसान भाइयों से अनुभव लें, और छोटे स्तर से शुरुआत करें। भारत का भविष्य जैविक खेती में है – इसमें आपका भी योगदान जरूरी है!