जैविक उर्वरकों की सूची और उन्हें इस्तेमाल करने का तरीका

भारत में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जानिए प्रमुख जैविक उर्वरकों की सूची और उन्हें खेत में सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करें।

जैविक उर्वरकों की सूची और उन्हें इस्तेमाल करने का तरीका

जैविक उर्वरक क्या होते हैं?

जैविक उर्वरक वे प्राकृतिक खाद हैं जो जैविक स्रोतों जैसे गोबर, खाद, वर्मी कम्पोस्ट, हरी खाद और जीवाणुओं से प्राप्त होते हैं। ये मृदा की उर्वरता बढ़ाते हैं और फसलों की गुणवत्ता सुधारते हैं।

प्रमुख जैविक उर्वरकों की सूची

1. गोबर खाद

  • गाय या भैंस के सूखे गोबर से बनाई जाती है।
  • इसका उपयोग भूमि की उर्वरता बढ़ाने के लिए सदियों से होता आ रहा है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • गोबर खाद को 1-2 महीने सड़ाकर खेत में बोने से पहले मिला दें।
  • प्रति एकड़ 5-10 टन उपयोग करें।

2. वर्मी कम्पोस्ट

  • यह केंचुओं की मदद से तैयार की गई उच्च गुणवत्ता वाली खाद है।
  • मिट्टी की जल धारण क्षमता और पोषण को बढ़ाता है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • प्रति एकड़ 2-4 टन वर्मी कम्पोस्ट खेत में मिलाएं।
  • बुवाई से पहले या फसलों के दौरान टॉप ड्रेसिंग के रूप में डाल सकते हैं।

3. हरी खाद (ग्रीन मैन्योर)

  • सन (Sunhemp), ढैंचा, मूँग जैसे फसलों को बोकर और फिर मिट्टी में मिलाकर बनाई जाती है।
  • इससे नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • हरी खाद की फसल को बुवाई से 40-50 दिन पहले बोएं।
  • फूल आने से पहले उसे मिट्टी में जोत दें।

4. नीम खली

  • नीम बीज से तेल निकालने के बाद बची खली एक अच्छा उर्वरक होता है।
  • यह फसलों को कीटों से भी बचाता है।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • नीम खली को सूखा व महीन करके प्रति एकड़ 1-2 क्विंटल मिलाएं।
  • बुवाई से पहले मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं।

5. जैव उर्वरक (Biofertilizers)

  • राइजोबियम, एजोटोबैक्टर, फॉस्फेट सॉल्युबिलाइजिंग बैक्टीरिया जैसे जीवाणु होते हैं।
  • ये फसलों के लिए पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें:

  • बीज उपचार, मिट्टी उपचार या ड्रिप सिंचाई के माध्यम से प्रयोग करें।
  • कंपनी के दिए गए निर्देशों का पालन करें।

भारतीय किसानों के लिए सुझाव

  • स्थानीय रूप से उपलब्ध जैविक संसाधनों का अधिकतम उपयोग करें।
  • मिट्टी परीक्षण करवाकर ही जैविक उर्वरक का चुनाव करें।
  • साथ में जैव कीटनाशकों का भी प्रयोग करें।

निष्कर्ष

आज के समय में स्थायी कृषि और स्वस्थ फसल के लिए जैविक उर्वरकों का प्रयोग जरूरी हो गया है। न केवल ये रासायनिक खादों का बेहतर विकल्प हैं, बल्कि ये मिट्टी और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी हैं।

आगे क्या करें?

प्रिय किसान भाइयों और बहनों, आज से ही अपनी खेती में जैविक उर्वरकों का प्रयोग शुरू करें। इससे ना केवल आपकी उपज सुधरेगी बल्कि लागत भी घटेगी। अधिक जानकारी या जैविक खेती की ट्रेनिंग के लिए अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि अधिकारी से संपर्क करें।

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