भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व
कृषि: भारत की जीवनरेखा
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां जनसंख्या का लगभग 58% भाग आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। कृषि न केवल रोजगार का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह देश की आर्थिक नींव भी है।
अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान
कृषि भारतीय GDP में लगभग 17-18% का योगदान देती है। इसके साथ ही, खाद्यान्न उत्पादन, निर्यात और कच्चे माल की आपूर्ति भी कृषि पर निर्भर करती है।
1. रोजगार का मुख्य स्रोत
- ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक लोग कृषि पर निर्भर हैं।
- फसल उत्पादन, दुग्ध-उद्योग और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।
2. खाद्य सुरक्षा का आधार
- भारत की बड़ी जनसंख्या को पोषण देने हेतु अनाज, दालें, ताजे फल और सब्जियां कृषि से प्राप्त होती हैं।
- सरकार की योजना जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) किसानों को आत्मनिर्भर बनाती हैं।
3. निर्यात और विदेशी मुद्रा अर्जन
- चावल, चाय, मसाले, कपास और दालें जैसे कृषि उत्पादों का विदेशों में बड़ा बाजार है।
- कृषि क्षेत्र से जुड़ा निर्यात विदेशी मुद्रा कमाने का माध्यम बनता है।
4. कुटीर और लघु उद्योगों को समर्थन
- गुड़, तेल, हथकरघा जैसे उद्योग कच्चे माल के लिए कृषि पर निर्भर हैं।
- इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ती है।
आधुनिक कृषि और सरकार की पहलें
सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं आरंभ की हैं जैसे:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- कृषि बीमा योजना और कृषि यांत्रिकीकरण
निष्कर्ष
कृषि न केवल भारतीय आबादी की जरूरतों को पूरा करती है बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके सतत विकास के लिए आवश्यक है कि किसान आधुनिक तकनीकों को अपनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं।
किसानों के लिए संदेश
प्रिय किसान भाइयों और बहनों, आधुनिक कृषि तकनीक अपनाएं, मिट्टी की गुणवत्ता जांचें और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ाएं। भारत की आर्थिक मजबूती आपके हाथों में है।